An Introver's Thought
हम अपने एकांत में इतना आराम पा चुके हैं... कि अब उसमें किसी को हिस्सा देने के ख्याल हमें अक्सर डरा देता है, हम अपने खालीपन को बांटने से भी घबरा जाते हैं... ये जो चुप्पी हमनें ओढ़ रखी है यह सरगम सी हो गई है और बोलियां हमें शोर लग रही हैं। और ये यार, सही नहीं जा रहे हम। शायद.... -Krishna Singh